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अंतर
जब तू नही तो यह ज़मी नही; और आसमान भी नही| चाँद नही, तारे भी नही; और सूरज भी नही| ज़िंदगी, ज़िंदगी ही नही; और प्यार, प्यार ही नही| चाँद की चाँदनी भी नही; सूरज की रोशनी ही नही| दरिया की मौज भी नही; …